Agriculture News: किसानों को रबी फसल की खेती में कोई दिक्कत न हो, इसके लिए केंद्र सरकार ने किसानों के लिए खाद और उर्वरक पर सब्सिडी के लिए 22,000 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं. इससे किसानों को सस्ती दरों पर खाद-उर्वरक मिलता रहेगा। हालाँकि, अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में खाद और उर्वरक की कीमतें बढ़ रही हैं।
ऐसे में देश के किसानों को इस पर सब्सिडी का लाभ पहले की तरह मिलता रहेगा, इसलिए बढ़ी कीमतों का किसानों पर कोई असर नहीं पड़ेगा. यह सब्सिडी रबी सीजन के लिए 1 अक्टूबर 2023 से 31 मार्च 2024 तक लागू होगी
NPK, MOP एवं SOP खाद क्या है?
किसान यूरिया और डीएपी हैं जिनका पूरा नाम डि अमोनिया फॉस्फेट है। इसके बारे में सभी जानते हैं, लेकिन कई किसानों को एनपीके, एमओपी और एसओपी का पूरा नाम नहीं पता है। तो हम आपको बता दें कि एनपीके का मतलब नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटेशियम है।
इसके उत्पादन में इन्हीं तीन पोषक तत्वों का उपयोग किया जाता है. एमओपी का अर्थ है म्यूरेट ऑफ पोटाश और एसओपी का अर्थ है सल्फेट ऑफ पोटाश। मोप खाद का उपयोग बागवानी फसलों के लिए किया जाता है। हिमाचल में इसका उपयोग सेब की खेती में किया जा रहा है. जबकि एसओपी खाद विदेशों से मंगाया जा रहा है।
खाद व उर्वरक की नई रेट लिस्ट – Agriculture News
आइए एक नजर डालते हैं कि केंद्र सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी के बाद किसानों को खाद/उर्वरक की एक बोरी के लिए कितनी कीमत चुकानी होगी। आपकी सुविधा के लिए हम यहां नीचे खाद और उर्वरक की नई रेट लिस्ट दे रहे हैं।
खाद/ उर्वरक का नाम खाद/उर्वरक का वजन खाद/उर्वरक का ताजा रेट
यूरिया (Urea) | 45 किलोग्राम | 266.50 रुपए प्रति बोरी |
डीएपी (DAP) | 50 किलोग्राम | 1350 रुपए प्रति बोरी |
एनपीके (NPK) | 50 किलोग्राम | 1470 रुपए प्रति बोरी |
एमओपी (MOP) | 50 किलोग्राम | 1700 रुपए प्रति बोरी |
बिना सब्सिडी वाले उर्वरक की दर
खाद/ उर्वरक का नाम खाद/उर्वरक का वजन खाद/उर्वरक का ताजा रेट
यूरिया (Urea) | 45 किलोग्राम | 2450 रुपए प्रति बोरी |
डीएपी (DAP) | 50 किलोग्राम | 4073 रुपए प्रति बोरी |
एनपीके (NPK) | 50 किलोग्राम | 3291 रुपए प्रति बोरी |
एमओपी (MOP) | 50 किलोग्राम | 3654 रुपए प्रति बोरी |
यूरिया पर किसानों को कितनी मिलेगी सब्सिडी?
इस साल की शुरुआत में केंद्र सरकार ने किसानों को उर्वरक और सब्सिडी के लिए 3,70,128.7 करोड़ रुपये के विशेष पैकेज को मंजूरी दी थी। इसमें से 3,68,676.7 करोड़ रुपये यूरिया सब्सिडी के लिए रखे गए. इस रकम का इस्तेमाल अगले तीन साल तक किया जाना है.
इसके तहत अब 2022-23 से 2024-2025 तक तीन साल के लिए किसानों को यूरिया पर सब्सिडी देने के लिए यह राशि खर्च की जाएगी। यानी अब किसानों को तीन साल तक पुरानी दर पर यूरिया मिलता रहेगा।
इसकी दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं की जाएगी. यह सब्सिडी 2022-23 से 2024-2025 तक मान्य होगी। आपको बता दें कि देश में किसान फसल उत्पादन के लिए यूरिया और डीएपी का सबसे ज्यादा इस्तेमाल करते हैं।
किसानों के लिए अब क्या है खाद और उर्वरक की नई दर?
सूत्रों के अनुसार यह सब्सिडी पीएनके उर्वरकों पर दी गई है जिसके अंतर्गत नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश और सल्फर आते हैं। इस पर सरकार ने नाइट्रोजन के लिए प्रति किलोग्राम 47.02 रुपये की सब्सिडी को मंजूरी दे दी है.
वहीं पोटाश के लिए 2.38 रुपये प्रति किलो की सब्सिडी दी जाएगी. जबकि सल्फर के लिए 1.89 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से अनुदान देय होगा. इसके अलावा फरफोरस पर 20.82 रुपये प्रति किलोग्राम की सब्सिडी मिलेगी.